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गोवर्धन पर्वत — श्रीकृष्ण की लीला, धार्मिक महत्त्व, परिक्रमा और पूरा मार्गदर्शन

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गोवर्धन पर्वत — श्रीकृष्ण की लीला, धार्मिक महत्त्व, परिक्रमा और पूरा मार्गदर्शन संक्षेप में: गोवर्धन (Govardhan) वृंदावन के निकट स्थित एक पवित्र पर्वत है, जो श्रीकृष्ण की प्रसिद्ध गोवर्धन लीला के कारण प्रतिष्ठित है। यह लेख गोवर्धन का ऐतिहासिक, धार्मिक और भौगोलिक परिचय, परिक्रमा का महत्व, प्रमुख तीर्थस्थल, उत्सव और तीर्थयात्रियों के लिए व्यावहारिक सुझाव विस्तार से प्रस्तुत करता है। 1) गोवर्धन — संक्षिप्त परिचय और भौगोलिक स्थिति गोवर्धन (Govardhan) उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले में वृंदावन के समीप स्थित एक पवित्र पर्वतीय क्षेत्र है। परिक्रमा मार्ग लगभग 21–24 किलोमीटर माना जाता है—जिसे श्रद्धालु पैदल या चरणबद्ध रूप में करते हैं। आसपास कई मंदिर, आश्रम और तीर्थस्थल हैं। भौगोलिक विशेषताएँ परिक्रमा की लंबाई लगभग 21–24 किमी (स्थानीय माप अनुसार)। पर्यावरण चट्टानी टेक्सचर, छोटे जलाशय और तीर्थ-स्थल से भरा है। 2) पौराणिक कथा — श्रीकृष्ण और गोव र्धन लीला गोवर्धन की सबसे प्रसिद्ध कथा वह है जिसमें बाल-लिला के समय श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर...

वंशीवट वृंदावन — जहाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी की धुन में प्रेम, भक्ति और आत्मा का मिलन होता है

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  🌸 वंशीवट वृंदावन — जहाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी की धुन में प्रेम, भक्ति और आत्मा का मिलन होता है 🌸 वृंदावन — भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, रासलीला, प्रेम और भक्ति का जीवंत केंद्र है। यह वही भूमि है जहाँ हर कण में कृष्ण की महिमा बसती है। वृंदावन की सुंदरता और पवित्रता का हृदय है — वंशीवट । यह वही स्थान है जहाँ श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य वंशी (बाँसुरी) बजाकर सम्पूर्ण ब्रजमंडल को प्रेमरस में डुबो दिया था। कहा जाता है कि इस बाँसुरी की धुन में भक्ति, त्याग और आत्मा-परमात्मा का मिलन छिपा हुआ है। हर भक्त के लिए वंशीवट एक भावनात्मक अनुभव है — जहाँ आने से मन, तन और आत्मा तीनों ही शुद्ध हो जाते हैं। 🌿 वंशीवट का अर्थ और नाम की उत्पत्ति “वंशीवट” शब्द दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है — वंशी (बाँसुरी) और वट (बड़ का वृक्ष)। इसलिए “वंशीवट” का शाब्दिक अर्थ हुआ — “वह स्थान जहाँ श्रीकृष्ण बाँसुरी बजाया करते थे।” पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, वंशीवट वृंदावन का सबसे प्राचीन और दिव्य स्थल है। यहाँ आज भी वही पुराना वट वृक्ष मौजूद है, जिसके नीचे श्रीकृष्ण ने गो...