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Rinku Rajput veermahan

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               Rinku Rajput veermahan 01.Shuruaati Jeevan Janm: 8 August 1988, Uttar Pradesh, India Rinku Singh ek chhote gaon se taluq rakhte hain. Pehle wo ek javelin thrower (bhala phenk khiladi the 02.Baseball Career 2008 me unhone ek reality show “The Million Dollar Arm” jeeta tha  Ye ek competition tha jisme India ke ladko ko baseball pitching talent dhoondhne ke liye bulaya gaya tha  Rinku Singh ne fast pitching me sabko hara kar USA me contract jeeta  Unhe Pittsburgh Pirates (Major League Baseball team) ne sign kiya  Is tarah se Rinku Singh India ke pehle professional baseball player bane jo USA me khelenge  the. 🤼 WWE Career 2018 me Rinku Singh ne WWE join kiya aur training shuru ki  Unka ring name bana “Veer Mahaan  WWE Raw aur NXT shows me unhone fight ki aur apni strong body + Rajput warrior persona se logon ko impress kiya. 🏆 Achievements Pehle Indian jinhone USA ki Major League Baseball team ke li...

वृंदावन: भक्ति और प्रेम की अनन्त नगरी

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                    वृन्दावन धाम का प्राकट्य   वृन्दावन धाम का प्राकट्य : इतिहास, पुराण, संत-                         परंपरा और आज का महत्व  1. भूमिका – वृन्दावन का महात्म्य वृन्दावन वह पवित्र धाम है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल और किशोरावस्था की असंख्य मधुर लीलाएँ कीं। यह धाम केवल एक भौगोलिक स्थल नहीं है, बल्कि सनातन धर्म की आत्मा और भक्ति का केंद्र माना जाता है। वैष्णव आचार्यों ने इसे “भक्ति की राजधानी” कहा है। वृन्दावन वह स्थान है जहाँ हर कण-कण में श्रीकृष्ण और राधारानी की दिव्य उपस्थिति का अनुभव होता है। यहाँ के कण-कण, वृक्ष, वायु और यमुना जी का जल, सबमें भगवान का स्पर्श है। इसलिए संत कहते हैं कि वृन्दावन केवल धरती पर नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण के हृदय में सदैव स्थित है। 2. वृन्दावन शब्द का अर्थ और महत्व “वृन्दावन” शब्द दो भागों से मिलकर बना है: वृन्दा – तुलसी देवी, जिनका संबंध भक्ति और श्रीकृष्ण की उपासना से है। वन – वन अथवा बगीचा। इसका अर्थ है – “तुलसी क...

भाई जी : हनुमान प्रसाद पोदार जी का जीवन और आध्यात्मिक विरासत

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                    हनुमान प्रसाद पोदार जी महाराज  1. प्रस्तावना भारतभूमि संतों, महापुरुषों और समाज सुधारकों की जन्मस्थली रही है। यहाँ हर युग में ऐसे विभूतियों ने जन्म लिया जिन्होंने न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि समाज को सशक्त, संस्कारित और संगठित भी किया। इन्हीं महापुरुषों में से एक हैं श्री हनुमान प्रसाद पोदार जी महाराज, जिन्हें लोग स्नेहपूर्वक भाई जी कहकर संबोधित करते हैं। भाई जी का जीवन गीता के निष्काम कर्मयोग का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने न तो कभी कीर्ति की चाह रखी और न ही यश का लोभ किया, बल्कि सेवा और धर्मप्रचार को ही अपना ध्येय बनाया। उनका सबसे बड़ा योगदान है – “कल्याण” पत्रिका का संपादन और प्रकाशन, जिसने करोड़ों लोगों के हृदय में भक्ति का दीप जलाया। 2. प्रारंभिक जीवन व पारिवारिक पृष्ठभूमि जन्म: 17 अप्रैल 1892 को उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में पिता: श्री बाबूलाल पोदार – एक धार्मिक और संस्कारी व्यापारी परिवार माता: गहन धार्मिक प्रवृत्ति की महिला, जिनसे प्रारंभिक संस्कार मिले परिवार: पोदार समाज में ...

“विठ्ठल भक्ति के प्रखर साधक: संत तुकाराम”

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         🌸 संत तुकाराम जी महाराज:         भक्ति, प्रेम और मानवता के प्रतीक 🌸 1. परिचय भारत भूमि संतों और महापुरुषों की पावन धरती रही है। यहाँ अनेक ऐसे संत हुए जिन्होंने अपनी साधना और उपदेशों से समाज को दिशा दी। महाराष्ट्र की भक्ति परंपरा में एक अनमोल रत्न हैं – संत तुकाराम जी महाराज (1608-1649)।  वे वारकरी संप्रदाय के प्रमुख संत थे।  उनकी रचनाएँ “अभंग” कहलाती हैं, जो सरल भाषा में ईश्वर भक्ति और जीवन का सत्य प्रकट करती हैं।  तुकाराम जी ने समाज को सिखाया कि ईश्वर किसी जाति, धर्म, या मंदिर तक सीमित नहीं है; बल्कि हर हृदय में उसका वास है।  उनका जीवन कठिनाइयों से भरा रहा, परंतु उन्होंने कभी ईश्वर का नाम नहीं छोड़ा। यही कारण है कि वे आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।b 2. जन्म और परिवार संत तुकाराम जी का जन्म 1608 ईस्वी में महाराष्ट्र के पुणे ज़िले के देहू गाँव में हुआ।  उनके पिता का नाम – बोल्होजी (Bolhoji) और माता का नाम – कनकाई (Kanakai) था।  परिवार का कामकाज व्यापार और खेती पर आधारित था।  वे ...