श्री चैतन्य महाप्रभु : भक्ति आंदोलन के महान प्रवर्तक
श्री चैतन्य महाप्रभु जी ✨ प्रस्तावना भारतभूमि संतों, महापुरुषों और अवतारी विभूतियों की भूमि रही है। समय-समय पर यहाँ ऐसे दिव्य पुरुष जन्म लेते रहे, जिन्होंने समाज को आध्यात्मिक मार्ग दिखाया और धर्म, प्रेम व सदाचार की ज्योति जगाई। श्री चैतन्य महाप्रभु 15वीं शताब्दी के ऐसे ही महान संत, समाज-सुधारक और भक्ति आंदोलन के प्रणेता थे। उन्होंने कृष्ण-भक्ति को तर्क, जाति और रूढ़ियों से मुक्त कर, सीधे प्रेम और नाम-संकीर्तन पर आधारित किया। 🌼 1. जन्म और प्रारंभिक जीवन 1.1 जन्म तिथि व स्थान जन्म : 18 फरवरी 1486 ई. स्थान : नवद्वीप (नादिया), बंगाल पिता : जगन्नाथ मिश्र माता : शाची देवी जन्म नाम : विश्वंभरा 1.2 "निमाई" नाम क्यों पड़ा? जन्म के समय उनके पालने के पास नीम का पेड़ था। इस कारण परिवार व पड़ोसियों ने उन्हें प्यार से “निमाई” पुकारना शुरू किया। 1.3 बचपन का स्वभाव अत्यंत चंचल, हंसमुख और प्रतिभाशाली। बचपन से ही विद्या के प्रति अद्भुत रुचि। मित्रों संग खेलते हुए भी कृष्ण नाम का उच्चारण करते थे। 📚 2. शिक्षा और विद्वता 2.1 प्रारंभिक ...