नंदगांव: भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का पावन स्थल
नंदगांव: भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का पावन स्थल
मथुरा (उत्तर प्रदेश): ब्रजभूमि का हर कोना श्रीकृष्ण की लीलाओं से पवित्र है, और इसी ब्रज की गोद में बसा है नंदगांव — वह स्थल जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बचपन बिताया। यह गांव श्रीकृष्ण के पालक पिता नंद बाबा का निवास स्थान माना जाता है। यही से श्रीकृष्ण ने अपनी अनेक लीलाएँ कीं — गोवर्धन पूजा, गोचारण, और राधा रानी से प्रथम मिलन की कथाएँ यहीं से जुड़ी हैं।
नंदगांव, मथुरा जिले में स्थित है और यह बरसाना से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए समान रूप से आस्था का केंद्र है।
🔹 नंदगांव का धार्मिक महत्व
नंदगांव का उल्लेख अनेक पुराणों और ग्रंथों में मिलता है। जब श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा की कारागार में हुआ था, तो वासुदेव जी ने उन्हें रातों-रात यमुना पार कर गोकुल पहुंचाया था। गोकुल में कुछ वर्षों तक रहने के बाद, जब कंस के अत्याचार बढ़ने लगे, तब नंद बाबा ने अपने परिवार के साथ गोकुल से नंदगांव का रुख किया।
यहीं श्रीकृष्ण ने अपने बड़े भाई बलराम जी के साथ बाल लीलाएँ कीं, और नंदगांव की गलियों में गोकुल जैसी ही बालसुलभ मोहकता फैली रही।
🔹 नंदगांव के प्रमुख मंदिर
नंदगांव में कई प्राचीन मंदिर हैं, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
- नंद भवन मंदिर: यह सबसे प्रमुख मंदिर है, जो नंद बाबा के घर पर स्थित माना जाता है। यहां भगवान श्रीकृष्ण, बलराम जी, नंद बाबा और यशोदा मैया की मूर्तियाँ विराजमान हैं।
- यशोदा कुंड: यह कुंड माता यशोदा के स्नान स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। भक्त यहां जल स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।
- नंद राय टीला: यह एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, जहां से पूरा नंदगांव दिखता है। कहा जाता है कि नंद बाबा और यशोदा जी यहीं निवास करते थे।
🔹 नंदगांव और बरसाना का संबंध
नंदगांव और बरसाना का संबंध अत्यंत गहरा है। यह दोनों ही स्थल राधा-कृष्ण की प्रेम लीलाओं के साक्षी हैं। राधा रानी बरसाना में रहती थीं और श्रीकृष्ण नंदगांव में। कहा जाता है कि कृष्ण जी अपने मित्रों के साथ राधा रानी से मिलने बरसाना जाया करते थे। होली के अवसर पर होने वाली प्रसिद्ध “लठमार होली” की शुरुआत भी इन्हीं दो स्थलों से हुई थी।
🔹 नंदगांव यात्रा मार्ग
नंदगांव की यात्रा बहुत सरल है और इसे मथुरा, वृंदावन या बरसाना से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग: मथुरा से नंदगांव की दूरी लगभग 45 किमी है। बस, टैक्सी या निजी वाहन द्वारा आसानी से यात्रा की जा सकती है।
- रेल मार्ग: मथुरा जंक्शन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
- हवाई मार्ग: आगरा एयरपोर्ट या दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे नजदीकी हवाई अड्डे हैं।
हर साल हजारों भक्त नंदगांव और बरसाना की संयुक्त यात्रा करते हैं, विशेषकर राधाष्टमी, जन्माष्टमी और होली के अवसर पर।
🔹 लोक संस्कृति और परंपरा
नंदगांव में आज भी ब्रज की परंपरा जीवित है। यहां के लोग पारंपरिक वेशभूषा, बोलचाल और रीतियों से ब्रज संस्कृति को जीवंत रखते हैं। यहां की लठमार होली और झूल महोत्सव विश्व प्रसिद्ध हैं।
🔹 निष्कर्ष
नंदगांव केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह प्रेम, भक्ति और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। यहां आने वाले भक्त न केवल श्रीकृष्ण की लीलाओं को अनुभव करते हैं, बल्कि ब्रजभूमि की पवित्रता को आत्मसात करते हैं। अगर आप श्रीकृष्ण के दर्शन और ब्रज की अनुभूति करना चाहते हैं, तो नंदगांव की यात्रा अवश्य करें।
“जहां हर सांस में राधा-कृष्ण का नाम गूंजता है — वही है नंदगांव, श्रीकृष्ण का अपना गांव।”
⚠️ चेतावनी और सुझाव
- यह लेख केवल धार्मिक और जानकारीपूर्ण उद्देश्य से लिखा गया है।
- यात्रा के दौरान स्थानीय परंपराओं और आस्था का सम्मान करें।
- भीड़भाड़ वाले समय (होली या जन्माष्टमी) में यात्रा से पहले व्यवस्थाओं की जांच करें।
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